Pilot ने खोले IndiGo और Aviation Industry के दबे राज़! : पढ़ाकू नितिन
एक दौर में मिडिल क्लास का ख़्वाब थी हवाई यात्रा. अक्सर एयरपोर्ट पर खींची गई तस्वीरें-वीडियोज़ अपने प्रियजनों को भेजने के लिए ली जाती थीं. ये बताने के लिए कि लीजिए हमने ये ज़मीन छोड़कर परवाज़ ले ली है. बॉलीवुड का भी इसमें बड़ा योगदान था. अक्सर हीरो हीरोइन को वस्ल का लम्हा एयरपोर्ट के आंगन में ही नसीब होता था. एयरपोर्ट पर खींचे गए फोटोज़ वीडियोज़ तो आजकल वायरल भी हो रहे हैं. लेकिन इन फोटोज़ में भाव सेलिब्रेशन का नहीं बल्कि असंतोष, नाराज़गी और मुख्यत: निराशा का है. वजह है देश की सबसे बड़ी Airlines में से एक, IndiGo का Crisis का होना. मुमकिन है आपने भी ख़बरें को देखी ही होंगी और ऐसी वीडियोज़ भी. लेकिन ये मेरा दावा है कि ऐसा पॉडकास्ट नहीं देखा होगा जिसमें इतनी सरल हिंदी में आपको इस Crisis से जुड़े जटिल सवालों के सरलतम जवाब मिले हों. तो सोच क्या रहे हैं, देख डालिए पढ़ाकू नितिन का ये एपिसोड जहां हमारे मेहमान हैं सिविल एविएशन एक्सपर्ट और एक्स पायलट हर्ष वर्धन. जिनसे हमने समझा अचानक इतनी बड़ी Airline इतनी बुरी तरह फेल क्यों होती दिखी? क्या Possible कारण हैं? DGCA की ओर से, Airline की ओर से? Infrastructural दिक्कत है या Operational? इसी बहाने झांकेगे कि Indian Civil Aviation की दुनिया अंदर से दिखती कैसी है? प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: अमन पाल
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India की सबसे बड़ी Security Company बनने की अनसुनी कहानी! : पढ़ाकू नितिन
कल्पना कीजिए, साल 1970 का दशक। इमरजेंसी का दौर। एक निडर पत्रकार बेखौफ होकर सरकार के खिलाफ आग उगलते लेख लिख रहा है। जब ऊपर से दबाव इतना बढ़ गया कि नौकरी छोड़नी पड़ी, तो उसने हार नहीं मानी। सीधे पहुंच गया जयप्रकाश नारायण के पास, जिन्होंने उस वक्त इंदिरा गांधी की कुर्सी हिला रखी थी। जेपी ने उसे सलाह दी, “कुछ ऐसा करो कि रिटायर हो रहे हमारे सैनिकों को सम्मान के साथ रोजगार मिले।” बस इसी एक सलाह से 1974 में जन्म हुआ एक छोटी-सी सिक्योरिटी कंपनी का, नाम रखा SIS, यानी Security and Intelligence Services (India)। आज, 50 साल बाद वही SIS: - भारत और ऑस्ट्रेलिया की नंबर-1 सिक्योरिटी सर्विसेज कंपनी - न्यूज़ीलैंड में तीसरे और सिंगापुर में पांचवें नंबर पर - NSE में लिस्टेड - 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी, यानी TCS, Infosys और Reliance के ठीक बाद चौथे नंबर पर - भारत की सबसे बड़ी एम्प्लॉयर आपने कभी न कभी किसी मॉल, सोसाइटी या ऑफिस के गेट पर “SIS” का बैज लगाए गार्ड को जरूर देखा होगा। लेकिन हैरानी की बात ये है कि TCS, Infosys, Reliance तो हर कोई जानता है, पर SIS के बारे में हममें से ज्यादातर लोग आज भी अनजान हैं। इस गुमनाम दिग्गज की पूरी कहानी अब एक किताब में आ गई है, किताब का नाम है The SIS Story और लेखक हैं प्रिंस मैथ्यू थॉमस. यही प्रिंस थॉमस, पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में हमारे मेहमान हैं. सुनिए पूरा पॉडकास्ट प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: अमन पाल
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Delhi में Putin Modi Meet, India-Russia Summit से चिढ़ तो नहीं जाएंगे Trump? : Padhaku Nitin
जब भी मैं कोई फिल्म देखता हूँ, तो एक्टिंग के बारे में एक बात बार-बार समझ में आती है, कि असल खेल तो सही तरीके से रिएक्ट करने का होता है। हैरानी की बात है कि जियोपॉलिटिक्स को फॉलो करते वक्त भी बिलकुल वैसा ही लगता है, सब कुछ इसी पर टिका है कि आप सामने वाली स्थिति पर सही ढंग से रिएक्ट करें। एक देश दूसरे पर टैरिफ थोपकर दबाव बनाता है, दूसरा देश उसी हालत में डिप्लोमैटिकली रिएक्ट करता है, कुछ डील्स फाइनल करता है, बस यही जियोपॉलिटिक्स है। इस हफ्ते जियोपॉलिटिक्स के मैदान में दो बड़े-बड़े इवेंट हुए। पहला, 30 नवंबर को फ्लोरिडा में यूक्रेन पीस डील को लेकर अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधि आपस में मिले। दूसरा बड़ा इवेंट है राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा। 2022 में यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से यह पुतिन की पहली भारत यात्रा है। इसका महत्व तो अपने आप में बहुत बड़ा है। लेकिन सवाल यह है कि यह महत्व कितना बड़ा है? किस स्तर का है? यूक्रेन की शांति वार्ता को लेकर इस वक्त क्या-क्या बातें चल रही हैं? क्या भारत इस मुलाकात के जरिए दुनिया को और खास तौर पर अमेरिका को कोई खास संदेश देना चाहता है? इन सारे एंग्ल्स को हम डीकोड करेंगे, एक-एक करके सारे सवाल पूछेंगे प्रोफेसर राजन कुमार से। रूस और सेंट्रल एशियन स्टडीज के बड़े जानकार हैं, जेएनयू में पढ़ाते हैं। पहले भी हमारे शो पर आ चुके हैं और पिछली बार जब आए थे तो आप लोगों ने उस एपिसोड को खूब सारा प्यार दिया था। प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: अमन पाल
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Dubai Plane Crash का सच, Fighter Jets की दुनिया और LCA Tejas बेचने की जल्दी! : पढ़ाकू नितिन
21 नवंबर 2025 की दोपहर दुबई के मकतूम एयरपोर्ट से कुछ ख़बरें-विज़ुअल्स आए जिन्होंने भारतीयों का ध्यान ख़ींचा. ख़बर थी दुबई के एयरशो के दौरान हुए एक भारतीय फाइटर प्लेन तेजस के क्रैश होने की. तुरंत उभरी चिंता, दुख में तब बदली जब ये मालूम हुआ कि पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल ने इस क्रैश में अपनी जान भी गंवाई. लेकिन बात सिर्फ़ दुख की नहीं थी, चिंता के विषय और भी हैं. क्योंकि न सिर्फ़ तेजस Indian Air Force का Indispensable हिस्सा है, बल्कि हम इस प्लेन को Export करने की दिशा में भी तेज़ी से काम कर रहे थे. तो Padhaku Nitin World Affairs के इस एपिसोड में हमने बात शुरू की इसी Crash से. समझा कि आखिर भारत दुबई के इस एयरशो में करने क्या गया था? समझा कि तेजस क्रैश की जांच किस तरह से आगे बढ़ रही है? कौन जांच करेगा? कैसे करेगा? और ये भी कि आखिर कोई प्लेन क्रैश क्यों होता है? और ये भी कि भारतीय जेट के क्रैश होने पर पाकिस्तान में मीम्स क्यों बन रहे हैं? हमारे मेहमान हैं सीनियर डिफेंस जर्नलिस्ट संदीप उन्नीथन. इन्हें आप जानते ही हैं. एपिसोड पूरा सुनिएगा. प्रड्यूसर: मानव देव रावतसाउंड मिक्स: रोहन भारती
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उन्मुक्त चंद को विराट कोहली ने दी साइकिल, पापा ने नाप दी दुनिया! : पढ़ाकू नितिन
‘पढ़ाकू नितिन’ के इस एपिसोड में हम किताबी कीड़ों से हटकर एक असली घुमक्कड़ से मिल रहे हैं, जो खुद को टूरिस्ट नहीं, यात्री कहते हैं. इस एपिसोड में हमारे साथ हैं साइक्लिस्ट और घुमक्कड़ भरत चंद ठाकुर. इन्होंने साइकिल से श्रीलंका को नाप डाला, दिल्ली से मुंबई तक सैर की, दुनिया के सबसे ऊंचे हाईवे में से एक पामीर हाईवे होते हुए ताजिकिस्तान को पार किया, भूटान को साइकिल पर घूम डाला और मनाली-लेह-लद्दाख भी हो आए. और सबसे मज़े की बात ये है कि अपनी साइक्लिंग की शुरुआत इन्होंने अपने बेटे की साइकिल से की थी, वो साइकिल जो विराट कोहली ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने पर उनके बेटे उन्मुक्त चंद को गिफ्ट की थी! जी हां, ये सज्जन न सिर्फ़ यात्री और टीचर हैं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के युवा सितारे उन्मुक्त चंद के पिता भी हैं. बस पॉडकास्ट पूरा देखिएगा और Aajtak Radio को Subscribe करना न भूलिएगा. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.